नई दिल्ली
मिस्र में एक टीवी शो पर एक ऐसा सीन दिखाया गया जिसके बाद महिलाओं ने अपने साथ हुए बुरे अनुभवों को सोशल मीडिया पर शेयर किया है। इन पोस्ट्स में एक महिला ने कहा कि उनके पति बहुत संवेदनशील और बेहतरीन इंसान थे लेकिन जब वह प्रेग्नेंट थी तो उसने काफी बुरा बर्ताव किया, उसके चलते उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल गई।
उनके इस पोस्ट में लिखा था वो शख्स शानदार था। हालांकि जब हमारी शादी को एक साल हुआ था, उस समय मैं प्रेग्नेंट हो गई थी और मेरी डिलीवरी होने वाली थी। हालांकि इस बीच हमारी लड़ाई हो गई थी जिसके बाद उसने मुझे सजा देने का फैसला किया था।
इस महिला ने आगे लिखा कि उसने मेरे साथ जबरदस्ती संबंध बनाने की कोशिश की और मेरा रेप किया था। इस के चलते मेरा मिसकैरिज हो गया था। मैंने एक लंबी लड़ाई के बाद अपने पति से तलाक लिया था और उससे अलग हो गई थी लेकिन आज भी अपने बच्चे को गंवाने का दर्द मेरे जहन में है।
इसके अलावा 34 साल की एक और महिला ने अपनी पोस्ट में लिखा कि सुहागरात पर मुझे पीरियड्स थे तो मैंने उसे सेक्स से मना कर दिया था। उसे लगा कि मैं उसे इन्टिमेट होने से मना कर रही हूं। इसके बाद उसने मेरी पिटाई की और मेरा रेप किया।
नेशनल काउंसिल फॉर वीमेन की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल औसतन 6500 ऐसे केस मिस्र में आते हैं जिनमें पति द्वारा महिलाओं पर मैरिटल रेप, सेक्शुएल हैरेसमेंट और जबरदस्ती सेक्शुएल प्रैक्टिस की घटनाएं शामिल होती हैं।
वीमेन सेंटर फॉर गाइडेन्स के एक वकील और एक्जक्यूटिव डायरेक्टर ने बीबीसी के साथ बातचीत में कहा कि मिस्र में एक कल्चर काफी सामान्य है जिसके अनुसार एक महिला अपने पति के लिए संबंध बनाने के लिए 24 घंटे उपलब्ध है जिसके चलते मैरिटल रेप जैसी घटनाएं सामने आती हैं।
हालांकि इस मामले में मिस्त्र के इस्लामिक एडवाइजरी बॉजी के सदस्य दार एल-ईफ्ता ने कहा कि अगर कोई शख्स संबंध बनाने के लिए पत्नी पर हिंसा करता है तो महिला के पास पूरा हक है कि वो अपने पति के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकती है और उसे सजा दिला सकती है।
इसके बावजूद पिछले दो सालों में वीमेन सेंटर फॉर गाइडेन्स ने 200 से अधिक मैरिटल रेप पिछले दो सालों में दर्ज किए हैं। गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, मैरिटल रेप एक तरह की सेक्शुएल हिंसा है लेकिन मिस्त्र के कानूनों में मैरिटेल रेप को अपराध नहीं माना गया है।


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